आज एक गीत था हवाओं में
चंचल, सुरीला, चुलबुला
कुछ तुम्हारी हँसी जैसा
गीत मैनें देर तक गुनगुनाया
लबों पर लिए मुस्कान
और दिल में वो तरंग
जो मचलती है जब
फज़ाएँ सुनाएं तुम्हारे
आने का पैगाम
फिर थम गयी हवा
गीत लबों से गिरा
टुकड़े टुकड़े हुआ
तुम नहीं आये
चंचल, सुरीला, चुलबुला
कुछ तुम्हारी हँसी जैसा
गीत मैनें देर तक गुनगुनाया
लबों पर लिए मुस्कान
और दिल में वो तरंग
जो मचलती है जब
फज़ाएँ सुनाएं तुम्हारे
आने का पैगाम
फिर थम गयी हवा
गीत लबों से गिरा
टुकड़े टुकड़े हुआ
तुम नहीं आये
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